छोटे बड़े 1320 पशु का परीक्षण के साथ ही दवा वितरण किया गया :डॉ.चंद्रकांत सिंह 

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मरदह गाजीपुर।ब्लाक के डाड़ीकला गाँव गुरूवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य शिविर मेला व गोष्ठी का आयोजन किया गया था।मुख्य अतिथि प्रधान प्रतिनिधि नन्हकू यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।अपने संबोधन में कहा कि सरकार की मंशा है कि पशुधन अपनायें समृद्धि पायें,यदि पशु बीमार हो जाता है तो पशुपालक द्वारा किसी कुशल पशु-चिकित्सक को ही दिखाना या उसकी सलाह लेनी चाहिए अन्यथा अपने से या घर,गांव या पास-पड़ोस के अकुशल व्यक्तियों के कहने पर झाड़-फूंक या गलत तरीके से देशी दवा देने से ज्यादातर पशुओं की हालत बिगड़ जाती है।इस अवस्था में इलाज बहुत कठिन हो जाता है इसलिए पशु को बीमारी के शुरू में ही किसी जानकार व्यक्ति को दिखाना अथवा उसकी सलाह लेना चाहिए,जिससे कम खर्च में इलाज संभव हो सके जिससे कि पशुपालक फालतू की परेशानी एवं आर्थिक हानि से बच सकें।पशुधन बीमा योजना भारत सरकार की योजना है जिसमें पशु के बीमा खर्च में भारत सरकार (पशुधन विकास परिषद) अधिक सहयोग देती है। यदि बीमित पशु बीमा अवधि में मरता है तो सम्पूर्ण बीमित राशि पशु मालिक को प्राप्त होती है। पशु मालिक को चाहिए इस सरकारी योजना का लाभ अवश्य उठायें जिससे वे पशु की मृत्यु से होने वाले नुकसान से उबर सकें।पशु चिकित्साधिकारी डॉ.चंद्रकांत सिंह पशुपालकों पशुओं के रख रखाव व मौसमी बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहाँ कि यदि दूध देने वाले पशु का बच्चा भर जाता है या अन्य किसी कारण से पशु दूध देने में परेशानी करता है तो उस समय कुछ पशु मालिक आक्सीटोसिन नामक सुई लगाकर दूध निकालते हैं। इस सुई के लगाने से पशु को अत्याधिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा से दूध पीने वाले पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है अत: आक्सीटोसिन सुई का प्रयोग पशुपालक दूध उतारने हेतु न करें।पशुपालकों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में बताते हुए जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए प्रेरित किया।शिविर में कुल छोटे बड़े 1320 पशु का परीक्षण के साथ ही दवा वितरण किया गया।तथा पशुओं के कीड़े का टीकाकरण भी किया गया।इस मौके पर सुहेल अहमद वेटरनरी फार्मासिस्ट,मनोज चौहान,मोहित,दशरथ,मंगल सिंह यादव,संतराज यादव आदि लोग मौजूद रहे।