पुण्य के कार्य में किया गया छोटा सा सहभाग कई पीढ़ियों को करता है गौरवान्वित:डा.मोहन भागवत

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सिद्धपीठ पर दर्शन से मिली ऊर्जा:मोहन भागवत

गाजीपुर।पुण्य के कार्य में किया गया छोटा सहभागिता कई पीढ़ियों को गौरवान्वित करता है। सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर दर्शन से मुझे अपार ऊर्जा प्राप्त हुई है।इस ऊर्जा का प्रयोग लोक कल्याण में करना ही जीवन का ध्येय है।उपरोक्त बातें बुधवार को गाजीपुर जनपद के सिद्धपीठ हथियाराम मठ दर्शन करने पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा।उन्होंने कहा कि यह सिद्ध पीठ महान है जहां सिद्ध संतों की 26 वीं पीढ़ी लोक कल्याण के निमित्त यज्ञ का अनुष्ठान वह सामाजिक सरोकारों में चल बढ़कर भाग लेती है यहां के दर्शन से ऊर्जा प्राप्त होती है।5 लोगों द्वारा ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण इंग्लैंड के उन्होंने एक दृष्टांत तो देते हुए कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटिश सम्राट सचिन का नागरिक अभिनंदन हुआ जिसमें लोगों ने उन्हें इंग्लैंड का शेर का जिसके जवाब में ब्रिटिश ने कहा चर्चिल ने कहा कि वह शेर नहीं हमारे पुराने वाला प्रतीक है बल्कि इससे उसके सामने बैठे लोग हैं एक वही स्थिति अपने आप को जोड़ते हुए उन्होंने कहा अगर आज मैं किसी ऊंची कुर्सी पर बैठा हूं उसे वह दे पर हूं उसके कारण आप हैं मैं तो एक प्रतीक मात्र हूं।प्रायःलोगों द्वारा श्री भागवत को ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण व अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए प्रमुख कारक बताएं जाने का खंडन करते हुए उन्होंने कहाकि यह सब आप लोगों के सहयोग व परिश्रम का प्रतिफल है।जो कुछ भी होता है वह ईश्वर की कृपा से ही संभव हो पाता है।सिद्धपीठ हथियाराम मठ में 26 वे पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंथ श्री भवानीनंदन यति के रजत जयंती समारोह जागरण द्वारा राष्ट्रीय उन्नयन अधिष्ठान विषयक संगोष्ठी के समारोह व धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम में आरएसएस सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने ब्रम्हलीन.महामंडलेश्वर महंत श्री बालकृष्ण यती जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित किया। उन्होंने कहाकि आज का दिन ऐसा दिन शहीद भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु जी की शहादत दिवस होने का आज का दिन अति महत्वपूर्ण है।ऐसे अवसर पर मंचीय कार्यक्रम की शुरुआत होगी।संतों का स्वभाव ही सरल होता है,आज राम की चर्चा मै अकेला नहीं करने वाला हूं,राम की चर्चा तो पूरा भारत ही करता चला आ रहा है।उनका भी श्रेय संतों के आशीर्वाद का ही है।प्रभु श्री राम की इच्छा से ही सब कुछ होता है। सनातन धर्म का उत्थान होता है वह भी भगवान ही करता है। यहां धर्म का स्थान है जहां 25 पीढ़ियों के धर्म की तपस्या यहां पर चल रही है।सनातन धर्म को मानना भी भगवान की इच्छा ही होती है।हमारे यहां मानवता को बढ़ाने को भारत में भगवान की पूजा करके आत्म स्वरूप का दर्शन करते हैं।भारत में देव ,अग्नि,को भी देव धर्म माना जाता है।इस सिद्धपीठ में मृणमयि रूप में स्थापित मां जगदंबा के मिट्टी की मूर्ति विराजमान है। जो इस देश में सनातन जीवन चला वह भारत में देखने को मिलता है। हमारा देश दुनिया को कुटुम्ब बनाया बल्कि बाजार नहीं बनाया।यह हमारा झंडा है जो एक बगीचे जैसा है। जो एक मिट्टी के है हम एक भाई जैसे हैं।मौके पर सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री भवानीनंदन यति महाराज ने कहाकि 26 वर्षो से मां के चरणों में नमन करता चला आ रहा हूं यहा का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है।उन्होंने अपने भारत के प्रमुख तीर्थ का जिक्र करते हुए बताया कि उज्जैन महाकाल की धरती पर 2018 में मुलाकात हुई मेरे काशी के होने पर इन्होने काशी आने पर मुझसे मिलने की बात कहे थे। आज के दिन राष्ट्रीय व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सर संघ के संत का पदार्पण करना इस पीठ के गौरव की बात है।कार्यक्रम में क्षेत्र प्रचारक अनिल जी,प्रांत प्रचारक रमेश जी,कार्यवाहक प्रांत प्रचारक मनीष जी,जिला प्रचारक कमलेश जी,विभाग प्रचारक जगदीश जी,विभाग कारवाह शिवप्रकाश जी, विभाग कार्यवाह आनंद जी,जिला कार्यवाह नागेंद्र जी, विभाग कार्यवाह वीरेंद्र जी जौनपुर, जिला कार्यवाह दुर्गा प्रसाद जी,विभाग संघचालक सच्चिदानंद राय,जिला संघचालक फैलू सिंह यादव, जोगिंदर सिंह पप्पू,पारसनाथ राय,गणेश जी,डॉ संतोष मिश्रा,आनंद मिश्रा,ओमप्रकाश जी,वरिष्ठ पत्रकार श्रीराम जायसवाल,सहित काफी संख्या में संघ परिवार सहित क्षेत्र के लोग रहे।जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह व पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह,क्षेत्राधिकारी गौरव सिंह,उप जिलाधिकारी वीर बहादुर यादव,डा.विजय यादव,पूर्व प्रमुख भाजपा नेता संतोष यादव,रामराज बनवासी सहित काफी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी रहे।