मरदह गाजीपुर।शिक्षा क्षेत्र में परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में सुधार नाम की कोई झलक भी देखने को नहीं मिल रही,चाहे लाख कोशिशें,कवायदे कर लें सरकार व संबधित विभाग,उसके बाद भी ब्लाक के शिक्षा में कहीं कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा हैं।शासन के दिशा निर्देशों पर मिट्टी पलीता लगाते हुए उच्चधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बीरबलपुर का पूरा विद्यालय खंडहर में तबदील नजर आ रहा।एक तरफ जहां शासन की मंशा के बाद भी आज तक कायाकल्प की रोशनी नहीं पहुँची,जिस कारण दरवाजे,जंगले,चार दिवारी टूटी हुई दर्द बयां कर रही है की जब विद्यालय की यह दशा हैं तो शिक्षण कार्य की क्या दशा होगी। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल शुरू होने के बाद भी किसी के कांन पर जू नहीं रेंगना,हिम्मत की दाग देने जैसे बात है।कायाकल्प के नाम पर विद्यालय पर काई दिख रही है।वहीं दूसरी ओर कम्पोजिट ग्रांट की भी अनदेखी नजर आई।विद्यालय का वर्षो बाद भी रंगाई पुताई नहीं हुई ऐसा प्रतित हो रहा है।विद्यालय का रख रखाव कागज के पन्नों तक सीमित है।जिम्मेदार चुप्पी साधे हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए।प्रत्येक विद्यालय की दशा और दिशा बदलने के लिए शिक्षा विभाग के साथ पंचायत विभाग को महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करनी है।लेकिन यह सब फिसड्डी साबित होता नजर आ रहा है।