बिरनो गाजीपुर।ब्लाक के शिव मंदिर वरदेवाधाम लहुरापुर गांव में पिछले सात दिनों से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के समापन अवसर पर हवन व भंडारे सहित मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा किया गया।जो बुधवार देर रात तक चलता रहा, हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान वरदेश्वर महादेव के जयकारे के साथ ने प्रसाद छका,जिससे पूरा वातावरण शिवमय रहा।कथा व्यास पूज्य श्री धीरूभाई जी महाराज ने सात दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद्भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा,उन्होंने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है।व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है,दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं,यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं,उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति,ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं।इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं।विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं।हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चितको निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान को लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है।कथा समापन के बाद विधि विधान से श्री वरदेश्वर महादेव का आरती पूजा करवाई।दोपहर तक हवन कराया गया।पूजन के बाद दोपहर को शुरू हुआ भंडारा देर रात तक चलता रहा।इस कार्यक्रम वेदाचार्य डॉ चन्द्रकिशोर चतुर्वेदी,सिद्धान्त ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ पाण्डेय,ग्राम प्रधान सोनी सिंह,ब्लाक प्रमुख राजन सिंह, रामपुकार सिहं,धनंजय सिंह,विनय सिंह,धर्मेंद्र सिंह, रूदप्रताप सिहं,कौशल सिंह,प्रधान प्रतिनिधि अजीत सिंह,सहित समस्त ग्राम वासी,क्षेत्र वासियों के विशेष सहयोग से सकुशल संपन्न हुआ।