एसडीएम वीरबहादुर यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत,मचा हड़कंप 

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कासिमाबाद गाजीपुर।तहसील के उप जिलाधिकारी वीर बहादुर यादव ने सोमवार की देर रात को सरकारी आवास पर आर्ट अटैक से हुई मौत मचा सनसनी।एसडीएम वीरबहादुर यादव अपने आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए।घटना की जानकारी होने पर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।सुबह जब एसडीएम वीर बहादुर यादव का दरवाजा नही खुला तो कर्मचारियों ने आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नही मिला तो लोगो को शंका हुई तो दरवाजा आनन फानन में तोड़ा गया तो अपने बेड पर एसडीएम मृत अवस्था मे पड़े थे।फिलहाल मौके पर डीएम,एसपी सहित डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुँची है जहाँ घटना के बारे में जानकारी ली जा रही है।संभावना जताई जा रही है कि यह हृदयगति रुकने से मौत हो सकती है।यह तो पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।फिलहाल मौके आला प्रसाशनिक अधिकारी मौके पर पहुच गए है।घर वालो को भी सूचना दे दी गयी है।एसडीएम ने उत्तर प्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में का प्रयास करते रहें तथा भू माफियाओं तथा अनैतिक एवं अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा किए लोगों से अतिक्रमण खाली कराया जाना उनके कार्यों की प्राथमिकता में रहा।उपजिलाधिकारी वीर बहादुर यादव कासिमाबाद तहसील का पदभार ग्रहण करने से पूर्व कलेक्ट्रेट में अतिरिक्त उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे।इससे पूर्व में वे जखनियां के उप जिलाधिकारी रह चुके हैं।मूल रूप से जौनपुर जनपद के मूल निवासी वीर बहादुर यादव ने हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज वाराणसी से स्नातक,इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की है। 2015 बैच के पीसीएस वीर बहादुर यादव इससे पूर्व बस्ती,हमीरपुर,गोंडा और कौशांबी में बतौर उपजिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं।हमीरपुर जनपद में उप जिलाधिकारी रहते वक्त उन्होंने अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ खासा अभियान छेड़ रखा था।और अपने तेजतर्रार छवि एवं कार्यों से चर्चा में आए थे।गौरतलब है कि कासिमाबाद के उप जिलाधिकारी रहे वीर बहादुर यादव के आने के बाद से स्थानीय लोगों ने तहसील के कामकाज को निर्बाध रूप से चलाए जाने की उम्मीद देखी थी।
रिपोर्ट: विशेष संवाददाता