पूर्व मंत्री मनोज सिन्हा व उपेन्द्र तिवारी के हाथों उद्घाटित 17 लाख 86 हजार रूपये से बनने वाला पंचायत भवन अधर में लटका

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मरदह गाजीपुर।योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल सभी गांवों में लाखों रूपये की लागत से बनने वाले पंचायत भवन / सचिवालय का निर्माण कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है।इससे पंचायतों के जहां तमाम काम प्रभावित हो रहे हैं।वहीं जहाँ पंचायत भवन बन गया है वहाँ पर तैनात पंचायत सहायक अपने घरों पर बैठ हैं,और जहाँ निर्माण चल रहा वहां जगह तलाश रहे हैं।शासन की मंशा के अनुरूप ग्राम पंचायतों में प्राथमिकता के आधार पर पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया है।ब्लाक के गोविन्दपुर कीरत गांव में तीन जनवरी 2020 को पूर्व मंत्री मनोज सिन्हा व तत्कालीन राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी ने 17 लाख 86 हजार रूपये से बनने वाले पंचायत भवन का ईंट रखकर आधारशिला रखी व शीलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया।लेकिन दो वर्ष बाद पंचायत भवन अभी नहीं बन सका, जिस कारण पंचायत का काफी कार्य अवरूध चल रहा है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो पक्षों के आपसी रार में उक्त जमीन पर बन रहे पंचायत भवन के खिलाफ स्टे आर्डर का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।गांव के लोगों ने बताया कि प्रधान की जानकारी में पंचायत सहायक सचिव अपने घर पर बैठ केवल कागजों पर काम रहा है।जबकी प्रदेश सरकार की मंशा अनुसार कई माह से वेतन भी दिया जा रहा।विभागीय मिलीभगत से पंचायत सहायक घर पर बैठे प्रतिमाह हजारों रूपये डकार रहे हैं।तथा शासन की मंशा पर पानी फेर रहे हैं।