हिंदी सिर्फ हमारी भाषा नहीं, हमारी पहचान भी है-अरविन्द यादव

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जमानियां: हिन्दी दिवस के अवसर पर 14 सितम्बर देश भर के हिन्दी भाषा प्रेमी एक जोक हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दे रहे इसी क्रम में कलमकार अरविंद कुमार यादव जनपद के जमनिया कस्बे में क्षेत्र के वरिष्ठ साहित्यकार कवि व लेखक कुमार शैलेंद्र जी को पुस्तक बैठकर हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि हिंदी भारत की पहचान है। भारत विविधताओं का देश है, जहां कई भाषाएं और लिपि बोली और पढ़ी जाती हैं। देश में अधिकतर लोगों की मातृभाषा हिंदी ही है। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिए जाने की मांग कई दिग्गजों ने उठाई, हालांकि हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। हिंदी के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसके चलन को बढ़ाने के लिए सरकारी दस्तावेज आज भी हिंदी में ही तैयार किए जाते हैं। हिंदी के इसी उपयोगिता को लेकर हर साल 14 सितंबर को भारतवासी हिंदी दिवस मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1953 से हुई थी। अंग्रेजी के चलन के कारण आजकल बच्चों से लेकर बड़े तक लगभग अंग्रेजी में ही बात करना पसंद करते हैं लेकिन हमें अपने देश की भाषा और हिंदी का ज्ञान जरूर होना चाहिए। बच्चों को हिंदी बोलना और पढ़ना आना ही चाहिए। साहित्यकार कुमार शैलेंद्र जी ने भेंट स्वरूप पुस्तक प्राप्त कर अरविंद यादव के प्रति आभार प्रकट किया अब सभी को शुभकामनाएं दी।लेकिन अपनी मातृभाषा के प्रति उपेक्षा कर रहे लोगों को नसीहत भी देते हुए कहा कि बार-बार अपनी मातृभाषा का अपमान करते हुए अंग्रेजी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हैं।हिंदी के साथ ऐसा सबसे ज्यादा हो रहा है वह लोग जिनके खुद के अंग्रेजी का ‘ए’ नहीं जानते थे वह भी हिंदी को गरियाते हुए मिल जाते हैं।हकीकत में ऐसे लोगों को न तो ठीक से हिंदी आती है और ना ही अंग्रेजी। इस मौके पर कवि शिवप्रसाद बैरागी संजय यादव अनंतेश्वर तिवारी सहित आदि लोग मौजूद रहे।