नए प्रेस एक्ट के विरोध में तथा पत्रकार हितों की सुरक्षा हेतु जेसीआई द्वारा प्रधानमंत्री को ज्ञापन 

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जोधपुर (राजस्थान)।प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों के राष्ट्रव्यापी संगठन “जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया” ने नए प्रेस एक्ट के विरोध में और डिजिटल पत्रकारिता की मान्यता एवं पत्रकार हितों के संरक्षण हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सलाहकार डा. ए. के. राय ने बताया कि 05 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मारवाड़ सूर्यनगरी की धरा जोधपुर में आगमन पर पत्रकारों के हितों की रक्षार्थ कटिबद्ध राष्ट्रव्यापी संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के बैनर तले राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना के निर्देशानुसार प्रदेश संयोजक राकेश वशिष्ठ के नेतृत्व में मारवाड़ के सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर, अपनी प्रमुख मांगों से सम्बन्धित मांग पत्र जिला कलेक्टर जोधपुर के मार्फत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा।उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रदेश संयोजक राकेश वशिष्ठ ने बताया कि अभी केंद्र सरकार द्वारा नया प्रेस एक्ट दिनांक 25.09.2023 एडवाइजरी टू पब्लिशर्स लाया गया है जिसके मुताबिक सभी छोटे प्रकाशकों को पाबंद किया गया है वो अपने समाचार पत्रों के प्रकाशन के 48 घंटे के अंदर अपने समाचार पत्र की प्रति पीबीआई के ऑफिस में व्यक्तिगत रूप से जमा करवाए अन्यथा 2000 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा जो कि तकनीकी रूप से संभव नहीं है, क्योंकि भारत के 28 राज्यों में मार्च 2023 तक जिलों की संख्या बढ़कर 752 तक हो गई है, जबकि आठ केंद्र शासित प्रदेशों में जिलों की संख्या बढ़कर 45 तक हुई है। इन दोनों को मिला कर भारत में कुल 797 जिले हैं और पीबीआई के ऑफिस मात्र 28 हैं।सभी छोटे प्रकाशकों के लिए यह संभव नहीं हो सकता कि 48 घंटों में वह प्रतिलिपि जमा करवा सकें‌। एक तरह से यह एक्ट छोटे पत्रकारों और पब्लिशर्स या यूं कहें कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के मुंह को बंद करने के लिए यह एक्ट लाया गया है जो कि अनुचित है।अतः जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया इस एक्ट का घोर विरोध करता है। वशिष्ठ ने बताया कि अभी डिजिटल युग है और हम डिजिटल पत्रकारिता को नकार नहीं सकते। जेसीआई ने अपने ज्ञापन में, छोटे बड़े प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को नियमानुसार पंजीकृत कर मान्यता देने, फील्ड में पत्रकारों के साथ मार पीट और गाली गलोज की घटनाओं पर रोकथाम के लिए सम्पूर्ण भारत में सभी छोटे बड़े प्रिंट,इलेक्ट्रिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों की सुरक्षा हेतु पत्रकार सुरक्षा कानून प्रमुखता से लागू करने व पत्रकारों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सभी प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों के प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनवाने तथा आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकारों को सस्ती दर पर आवासीय प्लाट उपलब्ध करवाने, पत्रकारों के बच्चो को उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्रदान कर अध्ययन में सहयोग करने की मांग की गयी है।इसके साथ ही फील्ड में कवरेज करते वक्त किसी भी आकस्मिक दुर्घटना में पत्रकार की मृत्यु होने पर पूरे परिवार के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाता है, ऐसी स्थिति में पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान कर आर्थिक संबल प्रदान करने की मांग भी ज्ञापन में की गयी है।