केहू ना ही जाने मन क मरमियां, केतना कसाई भईल बा ई दुनियां

136

सोचि सोचि आवेले रोवाई रे माई,कइसे जीयल अब जाई

गाजीपुर।क्षेत्र के अरसदपुर जंगीपुर स्थित श्री आत्मप्रकाश स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया‌।मौका था राष्ट्रीय लोक दल द्वारा आयोजित भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुण्य तिथि का। कार्यक्रम का शुभारंभ चौधरी चरण सिंह के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। वक्ताओं ने चौधरी चरण सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक अक्खड़ और ईमानदार नेता बताते हुए किसानों का सच्चा हितैषी कहा।भाई भतीजावाद से उपर उठकर राष्ट्रीय सोच तथा देश हित में कठोर निर्णय लेने वाले ऐसे नेता करार दिया जो अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किए।इस मौके पर जनपद के नामचीन उपस्थित कवियों ने भी अपनी रचनाओं से कार्यक्रम को उंचाई प्रदान किया। गौरीशंकर पाण्डेय सरस ने चौधरी साहब को कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि,’बेमिसाल रहनुमा थे जग जान लिया। वाक्पटु प्रतिभाशाली थे जग जान लिया।।–साथ ही उपस्थित श्रोताओं के निवेदन पर एक बेटी का अहसास ए दर्द गीत की प्रस्तुति,*केहू ना ही जाने मन क मरमियां, केतना कसाई भईल बा ई दुनियां,सोचि सोचि आवेले रोवाई रे माई,कइसे जीयल अब जाई* लोगों की आंखें डबडबा गई।गीत के भाव को हर कोई नमः आंखों से सोचने पर मजबूर हो गया।। हास्य-व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर वरिष्ठ कवि विजय कुमार मधुरेश ने अपने अनेकों हास्य व्यंग से लोगों का‌ खूब मनोरंजन किया।पीते रहे बीड़ी जो दुकान से उधार के।अब सब्जी बेचते हैं इलेक्शन हार के।।– ईमानदार होके का करबा, महान होके का करबा,जब बेईमानी करही ना आई त गांव क परधान होके का करबा –।कामेश्वर द्विवेदी और दिनेश चंद्र शर्मा रवि ने भी अपनी रचनाओं से कार्यक्रम को उंचाई प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रमाशंकर यादव तथा संचालन विजय कुमार यादव ‘मधुरेश ने किया।इस मौके पर रामअवध यादव विजय सिंह सीता राम यादव रीता जायसवाल, लालजी मनोरमा,कालिंदी, मोहनलाल आदि उपस्थित थे।